टूटे हुए दिल ने तो धड़कना छोड़ दिया था
रोते हुए आंखों ने अब रोना छोड़ दिया था
टूटी हुई उम्मीदों में तो सपने संजोना छोड़ दिया था
ख्वाबों में भी अब तेरा इंतजार करना छोड़ दिया था
पर ना जाने कैसे मेरे दरवाजे पर दस्तक देने तू आ गया
पता नहीं कैसे तूने फिर से हमें जीना सिखा...
प्यार या फरेब
