Saturday

प्यार या फरेब

प्यार या फरेब
टूटे हुए दिल ने तो धड़कना छोड़ दिया था रोते हुए आंखों ने अब रोना छोड़ दिया था टूटी हुई उम्मीदों में तो सपने संजोना छोड़ दिया था ख्वाबों में भी अब तेरा इंतजार करना छोड़ दिया था पर ना जाने कैसे मेरे दरवाजे पर दस्तक देने तू आ गया पता नहीं कैसे तूने फिर से हमें जीना सिखा...

Wednesday

हार जीत

हार जीत
हार की बात तो मत करो आप हार तो सबकी प्यारी मिठाई है खाना तो बस एक बहाना है हमें तो इसके स्वाद से ही प्यार है हार जीत तो बस एक जरिया है हमें तो सिर्फ मजे उठाना है खेल का मज़ा इतना है कि हार के भी जीत का सुकून मिलता है ऐसा भी नहीं कि फते हमको चाहिए नहीं पर हार के बिना...

Friday

कुछ बदलते रिश्ते

कुछ बदलते रिश्ते
दोस्ती थी और प्यार भी दोस्ती बेशुमार थी और प्यार तो हद से ही पार थी बस इतनी सी बात थी इतना ही हुआ था कि हमें तुमसे प्यार हो गया जाने अनजाने इकरार ही सही हमने प्यार कर ही लिया तुमसे प्यार से भरोसा और भरोसे से रिश्ता जोड़ा है हमने  तुम्हें बेशुमार प्यार करने की...

Thursday

मेरी मां

मेरी मां
प्यार से प्यारा मां से न्यारा रिश्ता हमारा प्यार तो इसकी साठ है क्योंकि गांठ तो बांधा बचपन से ही उंगली पकड़ी बचपन से ही डांट मार और क्या नहीं खाया सब कुछ खा कर हजम कर डाला मां हो या encyclopaedia इस बात का है राज बड़ा हमराज मेरी हर उलझन का साझेदारी हमारी हर मुश्किल...

अधूरा पन्ना

अधूरा पन्ना
कहानियां तो अब भी वही है बस पढ़ने वाले बदल गये लिखा तो वही पुराना कागज है पर शायद उस कागज की अहमियत ही बदल गई काश वह किताब का हर पन्ना तेरे नाम होता और तू उसे बेशक जितनी बार चाहें पड़ता तुझे उसमें कागज भी वही मिलता और एहसास भी जो जिए थे हमने भी कभी Skip . ...

Saturday

फर्जी

फर्जी
कर्ज़दारों के इस जहां में हम एक फर्जी की जुबानी ही सही जहां पर सब फर्जी ही सही पर कोई फरेब तो नहीं फर्जी तो हम सब हैं यहां बस फर्ज के लिए वक्त नहीं है यहां फर्ज हमें याद नहीं और फर्जी कहलाने लायक नहीं तो क्यों अंतर है उस मात्रा का जिसमें फर्ज को फर्जी बना दिया Skip. ...

Friday

इत्तेफाक

इत्तेफाक
आंसुओं का तो हिसाब करना हमने भी छोड़ दिया था फिर क्यों तुमने टूटे हुए दिल को यों इस कदर ठुकराने की जुर्रत की थी माफ तो खैर हम कर ही देते पर तुमने हमसे रुसवा होने का कोई मौका तो छोड़ दिया होता काश उस मौके पर हमने भी थोड़ा जी लिया होता विश्वास तो खैर गैरों ने तोड़ा पर...

Sunday

रंग

रंग
रंग अगर जिंदगी में हो तो वह बहार कहलाए  फिर वही रंग अगर कपड़ों में लग जाए तो क्यों धब्बा कहलाए? यह फर्क तो केवल नजरिए का है वरना कमल ही क्यों कीचड़ में खिलता फिर भी माता के भेट है वह चढ़ता इसीलिए कहते हैं समय रहते प्यार जताना  सीख जाओ वरना कहीं ऐसा ना हो कि नफरत...

Thursday

परीक्षा की वह पहली रात

परीक्षा की वह पहली रात
परीक्षा की वह पहली रात थी तो वह सिर्फ एक रात काश वो एक रात हो पाती काश वह सिर्फ कुछ लम्हे वो पाती क्या कुछ सोचा था करने को क्या कुछ लिखा था करने को पूरी रात तुम हमें घूरते रहे और हम टकटकी लगाए तुम्हारे खत्म होने का इंतजार करते रहे काश हम दोनों की बातें ना होती काश...