Friday

पैसा

पैसा

 तूभी है बड़ा नाज़ुक सा बन्दा
हाथ ना इतने आसानी से आता
नाही तू है इतना सस्ता कहीं

पूरी दुनिया में तू राज है करता
बनके साथी तू जेबों में रहता
बनके सेठ तू ठाठ से रहता

इसका मोह बड़ा ही महंगा
किसी का भी ईमान घबरा जाए
अचानक देख इसकी बड़ी रकम

पर इन्सानो की पहचान करवाता
बूरे वक्त में काम है आता
बनके जिनी सब के दुख गायब कर देता

अकेले एक सिक्का नहीं होता
यह तो केवल नज़र का फरेब है
बरसों की मेहनत एक पल में हवा हो जाती

अँधेरी के बज़ार में यह खो कहीं जाती है
बनके यह लक्ष्मी घरों मे भी आकी है
हमारे लिए यह पोकट में रह जाती है
Skip.                                                  Next

0 comments: