Monday

आंसू

आंसू
आंसू का हिसाब काश हम कर पाते
जज्बातों का हिसाब काश हम कर पाते
काश सब यहां हम को समझते
काश उस उम्मीद पर हम जी जाते

दूरियां तो महेज़ सोच का फरेब है
वरना हम तो शायद आपके सोच मैं ही होते
काश यह दिल कभी प्यार में पढ़ गया होता
तो काश हमें यह दुनिया जालिम का करार न देती

काश कि मेरी दुनिया तुमसे ना होती
काश कि हमें प्यार कहीं महंगा ना पड़ता
काश तुम्हारी जान इतनी कीमती ना होती
काश हम तुमसे दूर ही ना जाते

Related Posts:

  • बेवक्त बेवक्त तो मौसम नहीं होता बेवक्त तो बारिश हो़ता है बेवक्त तो प्… Read More
  • अँधेरा काला अगर पत्थर हा तो उसकी कोई कीमतनहीं फिर क्यों जोहरी उसको हीर… Read More
  • मुस्कान की वजह मीठी सी हसी तेरे चेहरे पर छायी वजह क्या यह जानू ना है अगर कोई ख… Read More
  • उलझन का ईलाज रिश्तों को समझते समझते आज उलझा है मेरा ही दिल कैसे निकलें इन उल… Read More

0 comments: