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शहादत हुई शहीदों की

शहादत हुई शहीदों की

इरादों का दम ना कहने से आता है
नाही दिखाने से
यह तो आता है हमारे
लहू के जुनून से
आज शहीदों को देख कर
आंखे नम हुई है
धरती ने खुद उनकी अंत्येष्टि पर
आंसू बहाए हैं
यह आंसू हम ज़ाया न जाने देंगे
यह आंसू हम ऐसे ही ना बहने देंगे
अच्छाई हमारी फितरत है
इन्हें आज़माने की गलती मत करना
यह भूल नहीं महापाप है
यह इत्तेफाक नहीं तुम्हारी मौत है
अच्छाई तुमने देख ली
अब हमारा जुनून देखना बाकी है
शहादत तुमने की है
अब इबादत देखना बाकी है
लहू में लहू मिलकर
आज पुलवामा की घाटी पवित्र कहलाई
सब्र का इंतिहान मत लेना
यह कितनी बार बताया तुमको
कारगिल में उरी में सब में मुंह की खाई तुमने
फिर भी क्यों हर बार अपनी मौत का
जुलूस निकालने आते हो
हर बार शायद बच भी जाओ पर इस बार ना बचोगे आप
यह कसम हम सब ने खाई है
अब यह कसम तुम्हारी शहादत पर ही पूरी होगी इज्जत हमें भी देना आता था
पर इज्जत तुम्हें हजम कहां होती है
भाईचारा हमें भी निभाना आता है
पर तुम्हें कशम कहां याद रहती है
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