शुरू सी हो जाती है
जिसका उसे पता तो क्या अंदाजा तक नहीं होता
इम्तिहान स्कूल कॉलेज ऑफिसों में नहीं होता
हर एक इंसान के हर एक सेकंड में होता है
जिंदा रहना है इस दुनिया में तो इम्तिहान तो देना पड़ेगा
पर इम्तिहान की एक बात अजीब है
जब वह हमें शिक्षित करती है
तो उसी के साथ जीवन का सबक भी सिखा जाती है
वैसे तो इम्तिहान सभी का होता है
पर उसे पार बहुत कम कर पाते हैं
और जो पार कर लेते हैं वह इस दौर के
मिल्खा सिंह बन जाते हैं
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