एहसान, ये क्या है??
यह तो किसी को भीख मेंमिली हुई हमदर्दी का नतीजा है
जिसे सायद प्यार तो नहीं कहते
हमे किसी से प्यार हो जाए
तो हम मिठाईयाँ बाट ते हैं
पर किसी से हमदर्दी हो जाए
तो उसे अपनाके एहसान करते हैं
एहसान करने वाले उन्हें भूला
तो करते ही नहीं बल्कि
एहसानों तले दब जाए कोई
ऐैसा कोशिश तो बेज़ोर करते हैं
हम तो बड़े खुद्दार हैं
किसी का एहसान हम भी क्यों रख लें।
किसी को एहसान फ़रामोश बनने का
मौका तो नहीं देते और एक और
एहसान कर ही बैठते हैं
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