Saturday

Good morning

Good morning

চোখটা খুলতে জানো
নীল আকাশ ধরা দেয় আমায়
আমি ডাকলাম ওরে আকাশ 
তুই আসিস না কেন ঘুমের অন্ধকারে

মুচকি হেসে রোদটা বললো
এলে যে তোমার ঘুম ভেঙে যাবে
ওই শান্ত বাতাস তোমার ভীষন প্রিয়
সেকি আমি বুঝিনা ভাবো

আমিও বললাম তুই যদি এতই জানিস
তাহলে ওই ফুলের গন্ধ 
ওই কাশ ফুলের হাওয়া
কেন আসেনি আমার অন্তরে

মেঘটা এবার রাগের মেজাজে 
বলল আমায় আদেশ দিয়ে 
ঘুমটা যেন তোমার ভীষন দামি
সকালটা হোক তোমার তেমনই রঙিন
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Thursday

सब एक ही है

सब एक ही है

अलग तो केवल हम मज़हब से
पर आज तो इन्सानों में भी भेद भाव आ गया है
कसूर तेरा तो नहीं
कसूर मेरा भी नहीं
कसूर तो हालात का है
जिसने बनाया है इन सारी बन्दिशों को
कोई अमीर है तो, कोई गरीब है
चलो अमीर गरीब की बात हमे समझ में भी आती है
पर ऊँचा नीचा तो घर और ईमारतों में होता है
अब तो यह लोगों में भी आ गया है
है तो केवल हिन्दुस्तानी फिर भी इतना भेद क्यों 
अगर सोच में एकता नहीं तो जसबात की कदर है
अगर रास्तों में एकता नहीं तो मंज़िल हमसे दूर नहीं
पर अगर लोगों मे एकता नहीं तो ज़ालिमों का दबदबा हमसे दूर नहीं
इसलिए सोचो एक करो अनेक 
और बन जाओ एक
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Tuesday

अपनो के ज़सबात

अपनो के ज़सबात

अगर परेशान मेरा दि है
तो इसकी वजह कहीं तुम तो नहीं

अगर तुम हो भी इसकी खास वजह
तो खफा हमसे होना नहीं

अपने तो होते हैं झगड़ने के लिए
परायों के साथ तो दो अच्छी बात ही काफी है

अपने तो होते हैं इगनोर करने के लिए
क्योंकि तुम्हे इन्हें मनाने की कोई ज़रूरत भी नहीं

हमने परायों को इतना भाव तो कभी दिया ही नहीं
की इनसे गुस्स् होने की जरूरत पड़ भी सके कभी

अपने तो हक से तंग करेंगे आपको
पर गैरों के लिए आपका ना बात करना ही काफी है

अपने तो आपकी मुस्कुराहट की एक झलक को तरसते हैं
गैरों ने तो उन्हे चूरानें की कसमे है खा रखी

दिल से दिल का है नाता पुराना
ज़सबात नया पर एहसास पुराना
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বৃষ্টির সুর

বৃষ্টির সুর

মনটা যেন আজ উড়ছে হাওয়ায়
ভাসিয়ে আকাশ ছুটিয়ে দোলায়
বৃষ্টির জলে মনটা হল বদ্ধ  উন্মাদ
ডাকছে তোমায় নিজের গলায়

শ্রাবণী হাওয়ায় মেতেছে বাতাস
সেজেছে ওদিকে পুষ্প দোলায়
বয়েছে পানি নীরব বেগে
উদ্বেলিত মন হয়েছে আমার

এই যে ভুবন তোমার ও আমার
লিখেছে ঠিকানা তোমারই বাসার
গেয়েছে গান নবীন সুরে
পেয়েছি আপনাকে মনের দুয়ারে
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Saturday

একটা কথা

একটা কথা

 একটা কথা একটা দাবি
সারা জীবন থাকবি পাশে

চাই তোকে আমার ছায়া হয়ে
হোসনা উধাও সূর্য তাপে

প্রাণটা আমার নয়কো দামি
দাম টা হল দুজনারই

যাসনা ছেড়ে আমায় তুই
পারবনা থাকতে তোকে ছেড়ে
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Thursday

বাজে রাজা

বাজে রাজা

রাত জাগা পোকা হয়ে
জেগে আছি রাতে
ঘুম পারানি মাসি পিসি
আর আসেনা যে কানের পাশে

ওই যে ঘন আকাশ তলে
নিবিড় হাওয়ার মাঝে
কোথাও যেন হারিয়ে গেছে
অন্ধকারের মাঝে

কোন সে ভুবন অচিনপুরে
বাজে রাজা থাকে সেখানে
সেখানে আছে আমার হাসি
বন্দি আছে কারাগারে
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