Tuesday

अपनो के ज़सबात

अपनो के ज़सबात

अगर परेशान मेरा दि है
तो इसकी वजह कहीं तुम तो नहीं

अगर तुम हो भी इसकी खास वजह
तो खफा हमसे होना नहीं

अपने तो होते हैं झगड़ने के लिए
परायों के साथ तो दो अच्छी बात ही काफी है

अपने तो होते हैं इगनोर करने के लिए
क्योंकि तुम्हे इन्हें मनाने की कोई ज़रूरत भी नहीं

हमने परायों को इतना भाव तो कभी दिया ही नहीं
की इनसे गुस्स् होने की जरूरत पड़ भी सके कभी

अपने तो हक से तंग करेंगे आपको
पर गैरों के लिए आपका ना बात करना ही काफी है

अपने तो आपकी मुस्कुराहट की एक झलक को तरसते हैं
गैरों ने तो उन्हे चूरानें की कसमे है खा रखी

दिल से दिल का है नाता पुराना
ज़सबात नया पर एहसास पुराना
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