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खुदा की चाहत

खुदा की चाहत
खुदा को इस कदर चाहा है की उन्हे अपनी बना लिया है उन्ही को अपने माँ और बाप का दरजा दे दिया है कभी किसी को मां समझ कर अपनी आँख भर कर उनके सामने आँसू बहा लिया तो कभी किसी को पिता मान कर कुछ फरमाईसें कर लिया लोग हमें पागल समझे या कुछ और पर सच तो यह है जब रिश्ता कहलाने...

इम्तिहान

इम्तिहान
यह इन्तजार नही इम्तिहान है हमारी यह दूरियाँ नहीं महज़ कुछ फासले हैं हमारे बीच जो आपसे मिलने के लिए हमे रोकी हुई है सायद वजह कुछ और है वरना हमारे ज़िद से तो आपका पुराना वास्ता है आपसे ही तो हमने सर्ब रखना सीखा है तो कसम भी अब आपकी है की यह इन्तज़ार अब जल्द ही खत्म होगा वैसे...

बचपन

बचपन
बचपन की फरमाईसें अब ज़िद बन गई हैं बचपन का लाड प्यार अब गुस्से में बदल गया है बचपन का बचपना कब चला गया पता ही नहीं चला अब पीछे मुड़ते हैं तो कुछ यादें हैं जो ठीक से भी याद नहीं पता नहीं क्यों बड़े होने का जुनून सवार था पर आज सोचते हैं हम जहाँ हैं वहीं पर सबसे अच्छे...

अपनी कविता

अपनी कविता
हवा जैसे बहती है वैसे ही चलती हूँ मै भी कभी ज़ोर से धक्का लगता है तो कभी खुद ही दौड़ पड़ती हूँ कभी चुप से एक कोने में बैठ जाती हूँ तो कभी मारे खुशी के पूरा घर सिर पे ऊठा लेती हूँ कभी हस्ती हूँ तो हसना बंद ही नहीं होता और कभी बिना वजह ही मूँह फूला के बैठ जाती हूँ ईतनी...

सौगात दोस्ती का

सौगात दोस्ती का
दोस्ती एक ऐैसी सौगात है जो भगवान जी नहीं बनातें उसे हम चुनते हैं और राहों पर चलते चलते कई तरह के दोस्त मिलते हैं पर कुछ खास ही होते हैं जो किसी खास मौकों पे तो नहीं पर खास इन्सान को नसीब होती है ऐैसा एक नसीब हमने भी पाया है क्योंकि हमने तुमको पाया है इम्तिहान तो हमने...

दूखी आत्मा

दूखी आत्मा
कभी किसी को इतना मत दुख देना की बेचारा दुख की डेफिनेशन ही भूल जाए कुछ देना ही है तो उसे झोली भर के खुशियाँ दो बदले में उससे कुछ ना माँगना बस उस इन्तजा़र में रहना, समय कभी रूकता नहीं और समय किसी और का होता नहीं अगर तुम खुशी दोगे तो बदले में खुशी ही मिलेगी चाहे देर से...