Sunday

दूखी आत्मा

dukhi aatma

कभी किसी को इतना मत दुख देना
की बेचारा दुख की डेफिनेशन ही भूल जाए
कुछ देना ही है तो उसे झोली भर के खुशियाँ दो
बदले में उससे कुछ ना माँगना
बस उस इन्तजा़र में रहना, समय कभी रूकता नहीं
और समय किसी और का होता नहीं
अगर तुम खुशी दोगे तो बदले में खुशी ही मिलेगी
चाहे देर से मिलेगी पर मिलेगी जरूर
इसलिए दिमाग को हल्का करो

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