Saturday

कुछ अधूरे वादे

कुछ अधूरे वादे
वादे निभाने की अगर बात होती तो सायेद वो बात समझ भी आती पर गलती कहां हुई ये बात तो हमको पता ही नहीं चल पाई तुम इंज़ाम पर इंज़ाम लगाते गए और हम उनको सच मान सौदे पे सौदे लगाते गए कभी कतल अपने जसबतों का किया तो कभी खुद की ख्वाहिशों का गला घोंट डाला गलती तो बस इतनी सी थी...

সেই যে তুমি

সেই যে তুমি
সেই যে বিকেল সাজিয়া ছিলে তুমি আমার জন্যে কত যত্ন করে সেজে ছিলে তুমি সেই যে আমি অপরাধী বিষম বেদনাই লজ্জিত আমি কথা দিয়েও রাখতে পারিনি আমি আমি যে খুব নিষ্ঠুর এ কথা ভেবোনা তুমি আমি যে খুব ব্যাস্ত সেটাও কিন্তু ঠিক নই একবারেই আমি যে কত টা দামী সেটা শুধু তুমি জানো তাই তো...

कहना तो बहुत कुछ था

कहना तो बहुत कुछ था
वह कहते हैं हम उनकी फिक्र क्यों करते हैं अब क्या करें जनाब हमारे दिल का ध्यान तो हमें हैं रखना पड़ता है वह बोलते हैं कि तुम्हें गुस्सा नहीं आता? और हम हंस कर बोल देते हैं हम भी अगर गुस्सा करने लगे, तो यह मौसम हमसे रुसवा हो जाएगा। अब आपकी सजा पूरी कायनात को दे इतने...

दोस्तों की कहानी

दोस्तों की कहानी
दोस्तों के मिसालें देना तो ठीक है उसी दोस्ती को निभा पाना काफी कठिन कुछ लोग होते हैं फर्जी क्योंकि यह होती है उनकी मर्जी कुछ पागल होते हैं कुछ बेमिसाल होते हैं कुछ दिल की आवास होते हैं कुछ तो दिल में ही बसते हैं कुछ की गलियां अनजान होती है और कुछ दिल की गलियों में...

प्यार या फरेब

प्यार या फरेब
टूटे हुए दिल ने तो धड़कना छोड़ दिया था रोते हुए आंखों ने अब रोना छोड़ दिया था टूटी हुई उम्मीदों में तो सपने संजोना छोड़ दिया था ख्वाबों में भी अब तेरा इंतजार करना छोड़ दिया था पर ना जाने कैसे मेरे दरवाजे पर दस्तक देने तू आ गया पता नहीं कैसे तूने फिर से हमें जीना सिखा...

मिलना होगा फिर कभी

मिलना होगा फिर कभी
खेल खेल में प्यार हो गया बेगाने होकर भी तू दिलदार हो गया न जाने कहां से आया है तू कि इस महफिल की जान बन गया मोहब्बत की कभी कमी तो थी ही नहीं ढूंढा था तुझे शायद अपने ही गली वरना मिलना कैसे यह हो पाता इस प्यार का गवाह तू कैसे जो बन पाता तुझे पा नहीं सकती यह जाना मैंने पर...