Saturday

कहना तो बहुत कुछ था

कहना तो बहुत कुछ था
वह कहते हैं हम उनकी
फिक्र क्यों करते हैं
अब क्या करें जनाब
हमारे दिल का ध्यान तो हमें हैं
रखना पड़ता है

वह बोलते हैं कि तुम्हें गुस्सा नहीं आता?
और हम हंस कर बोल देते हैं
हम भी अगर गुस्सा करने लगे,
तो यह मौसम हमसे रुसवा हो जाएगा।

अब आपकी सजा पूरी कायनात को दे
इतने खुदगर्ज तो हम नहीं है
प्यार है कोई सौदा तो नहीं,
बाजार में बिकने वाले रसीले आम तो नहीं।

यह सुनकर वह अपनी गलती मान लेते हैं
अल्सर क्या हम ज़ोर से हंस पड़ते हैं
अर्जुन बड़े प्यार से मुस्कुरा देते हैं
और फिर हम दोनों अपने अलग रास्तों पर चल पड़ते हैं।

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