चलते चलते आज कुछ दूर आ गए
कुछ पाया या नहीं ये फेसला तो अपने आप पर है
रिश्तों के इस रास्ते में चलने के लिए कई लोग मिलें
और उन में से एक खास दोस्त तू मिला
हम इतने महान कहाँ
की कुछ खोने का हिसाब रखें
पर अगर ये दोस्ती हमसे टूट गई
तो बिखरे पन्नों की तरह हम भी बिखर जाएंगे
क्योंकि...
इत्तेफाक

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Friendship