इंसान को इंसानियत से जुदा कर डाला
यह घमंड कैसा है जिसने अपने मालिक को ही निगल डाला
प्यार भरोसा यह सब तो था तुम्हारे पास
पर क्यों तुमने इंसानियत का ही गला घोट डाला
नफरत और झगड़े से यह दुनिया नहीं चलती
प्यार के बिना हमारी भूख भी कहा मिटती
तुम तो सौदा कर आए अपने इंसानियत...
इंसानियत
