Thursday

खूबसूरत सा रिश्ता

खूबसूरत सा रिश्ता
परेशानी मेरी कितनी भी थी हमने सबसे छुपाए रखा और औड़कर मुंह पर एक मुखौटा ही सही हमने सबको खुश है रखा पर बात तो हमसे छुपी है नहीं रोकर आंसू तुम्हारे आंगन में ही गिरे गिरना ही था उन्हें तो हमारे पास गिरता क्यों तुम्हारे पास जाकर हमारी परेशानी की वजह बन बैठा अभी तुम कहोगे...

मेरी मां

मेरी मां
प्यार से प्यारा मां से न्यारा रिश्ता हमारा प्यार तो इसकी साठ है क्योंकि गांठ तो बांधा बचपन से ही उंगली पकड़ी बचपन से ही डांट मार और क्या नहीं खाया सब कुछ खा कर हजम कर डाला मां हो या encyclopaedia इस बात का है राज बड़ा हमराज मेरी हर उलझन का साझेदारी हमारी हर मुश्किल...

अधूरा पन्ना

अधूरा पन्ना
कहानियां तो अब भी वही है बस पढ़ने वाले बदल गये लिखा तो वही पुराना कागज है पर शायद उस कागज की अहमियत ही बदल गई काश वह किताब का हर पन्ना तेरे नाम होता और तू उसे बेशक जितनी बार चाहें पड़ता तुझे उसमें कागज भी वही मिलता और एहसास भी जो जिए थे हमने भी कभी Skip . ...

Saturday

फर्जी

फर्जी
कर्ज़दारों के इस जहां में हम एक फर्जी की जुबानी ही सही जहां पर सब फर्जी ही सही पर कोई फरेब तो नहीं फर्जी तो हम सब हैं यहां बस फर्ज के लिए वक्त नहीं है यहां फर्ज हमें याद नहीं और फर्जी कहलाने लायक नहीं तो क्यों अंतर है उस मात्रा का जिसमें फर्ज को फर्जी बना दिया Skip. ...

Sunday

खूबसूरती

खूबसूरती
खूबसूरत सी इस ज़िंदगी में खूबसूरत से कुछ लोग मिले जिनकी खूबसूरती चेहरे से तो नहीं पर खूबसूरती उनके जज्बातों में झलके खूबसूरत तो खैर हम भी नहीं पर खूबसूरती हमसे दूर भी तो नहीं खूबसूरती का गहना बड़ा ही महंगा है इसलिए इसको पा लेना हर किसी के बस में भी तो नहीं शायद...

Friday

इत्तेफाक

इत्तेफाक
आंसुओं का तो हिसाब करना हमने भी छोड़ दिया था फिर क्यों तुमने टूटे हुए दिल को यों इस कदर ठुकराने की जुर्रत की थी माफ तो खैर हम कर ही देते पर तुमने हमसे रुसवा होने का कोई मौका तो छोड़ दिया होता काश उस मौके पर हमने भी थोड़ा जी लिया होता विश्वास तो खैर गैरों ने तोड़ा पर...