बचपन की यारी है अपनी
शायद कुछ ज्यादा नहींं
पर जितनी भी यादें हैं
वह आज दिल में महफूज है मेरे
बरसों बाद आज मिले हैं
शायद ऊपर वाले को हमारी
हंसी की फिक्र हो गई
की पुराने यार को फिर से मिला दिया
तेरी तकलीफ क्या करूं मैं अब
हर तकलीफ कम है तेरे लिए
इज्जत ऐसे ही तो नहीं...
बचपन का यार

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Friendship