Sunday

महफिल

महफिल

आज जब आसमां पर तारों की महफ़िल सजी है
तो क्यो अंधेरा सिर्फ मेरे दिल में है

शायद यह किसी के आने का सन्नाटा है
जो इतना शोर मेरे दिल में है

बसंत का मौसम अब बस आ गया है
पर मेरे दिल में अभी बहार आना बाकी है

पता नहीं यह सब इतना इंतजार क्यों करवा रहे हैं
शायद किसी खास के आने का इंतजार है हमें

0 comments: