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बचपन का यार

बचपन का यार

बचपन की यारी है अपनी
शायद कुछ ज्यादा नहींं

पर जितनी भी यादें हैं
वह आज दिल में महफूज है मेरे
बरसों बाद आज मिले हैं
शायद ऊपर वाले को हमारी

हंसी की फिक्र हो गई
की पुराने यार को फिर से मिला दिया
तेरी तकलीफ क्या करूं मैं अब
हर तकलीफ कम है तेरे लिए

इज्जत ऐसे ही तो नहीं मिलता
शायद इसका तू हकदार है
अबकी बार मिलने का तो बहुत मन है
देखते हैं अब खुदा को क्या मंजूर है

तेरे इस दोस्त की तरफ से एक
छोटा सा नजराना
जन्मदिन के इस मौके पर
तुझे ढेर सारी शुभकामना

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