लड़ने झगड़ने की अगर बात होती
तो शायद हम मान भी जाते
पर बात यहां हमारे जज्बातों की थी
शायद कम ही सही पर दर्द तो हमें भी होता ही है यहां
लोगों से तो लड़ भी लेते पर अपनों का क्या करें
खफा तो बस इतना थे कि शायद ही सही बस समझ तो लेते
रोना हमें भी पसंद नहीं है
पर क्या करें...
जिंदगी की लड़ाई
