Sunday

प्यार है पर कबूल नहीं

प्यार है पर कबूल नहीं

कहना तो था आसान नहीं
रहना तेरे बिन यह तो मेरा काम नहीं
दूर तुमसे हो कर भी यादों में हम बसते हैं
सोने के बाद ही सही सपनों में हम रहते हैं

प्यार का सिला कुछ इस कदर दिया
दूर तुम से जाकर भी प्यार सिर्फ तुमसे ही किया
लोगों को न समझ आए यह प्यार है ऐसा
हमने भी तो तराजू में खुद को ना तोला

प्यार ने सब को मात है दिया
जीत की खुशी अपने ही सर रखा
अगर मिल ही जाते तुम हमको
तो यह प्यार कैसे खास है बनता

Skip.                                                Next

Related Posts:

  • दोस्ती का ऊसूल सूरज अगर दुश्मन है तो बादल हमारा दोस्त है नफरत अगर तुम्हारी त… Read More
  • मेरा ज़िगरी यार रब से मिली एक दुआ है हमारी तू सलामत रहे यह मरज़ी है मेरी … Read More
  • दोस्ती खुदगर्ज कहीं हम तो नहीं पर यह आरोप बिलकुल गलत तो नहीं सोचा सबका … Read More
  • একটা কথা  একটা কথা একটা দাবি সারা জীবন থাকবি পাশে চাই তোকে আমার ছায়… Read More

0 comments: