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सपने बने हकीकत

सपने बने हकीकत

कोन कहते है सपने पूरे नहीं होते,
शिद्दत से चाह के तो देखो,
हर दुआ मुकम्मल होती है।

जो जिसका है उसे वो मिल ही जाता है,
खेल तो बस इंतजार का है साहेब,
की कोन कितना इम्तेहान दे सकता है।

फरेब के इस जहां में रिश्ते बड़े नाज़ुक है,
थोड़ा हम निभाए थोड़ा तुम निभाओ,
मिलके दोनों एक साथ हर रिश्ता आजमाए।

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