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प्यार का पैगाम

प्यार का पैगाम

प्यार से बना ये रिश्ता हमारा
प्यार निभाना यह सिलसिला मेरा
प्यार का क्या है
यह तो बस हो जाता है

कभी किसी से कुछ ज्यादा
तो कभी किसी से थोड़ा कम
चाय चीनी के बिना अधूरी है
इंसान प्यार के बिना अधूरा है

प्यार मिलना नसीब तो नहीं
पर हक है सबका
प्यार को आज तराजू में तोला गया
उसका मोल भाव किया गया

यह देख कर आंखें कैसे बंद ना होती
आंखें कैसे नम ना होती
दो पल की जिंदगी हमारी
उस में खुशियां बांटना यह कहानी हमारी
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