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बातों की कलम

बातों की कलम

आँखों मेंअगर बातें होती
तो बातों को पढ़ते रहते हम

लवसों में अगर बातें होती
तो बातों को सुनते रहते हम

मुस्कुराहट में अगर बातें होती
तो बातों को देखते रहते हम

पर बात जब आपके दिल में होती हैं
तो कैसे देखें उन्हे ये बता दीजिए हमे

गुस्सा किजिए या प्यार किजिए
पर बातों को न छिपाईये आप

सारी घबराहट आपके पास होती
पर उन सब का सोल्यूसन हमारे पास होता

प्यार ना सही दोस्ती तो है
तो फिर बात कह क्यों नहीं देते मुझे
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