Sunday

हमराही

हमराही

तेरी गलियों से गुज़रते थे हम
रात दिन तेरे ख़्वाब देखते हैं हम
तू मिल के फिर से दूर न जाना
ऐ हमसफर आए हो साथ निभाना

तेरी दुआओं में कुछ इस कदर
खुदको समाया है हमने
तेरी जान की परवाह कौन करेगा
इस नाचीज़ के गुमशुदा होने के बाद

माना की दोस्त आपके बहुत पर
उसमे से एक फूल हैं हम मगर
गुलदस्ता आपका गो ऐ हमसफर
पर फूल हमारा हो इसकी रखना आप खब
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1 comment:

  1. Mera baas chale tho Mae apko best poet write ER ka award de doon😍😍😍😍😍💝💝💝💝

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