देखते ही देखते कितने दूर आ गए
इतने दूर की कब सबसे नाता टूट गया
की पता ही नहीं चला
आज अंजान है किसी के लिए
जो कल जान थे हमारी
वैसे भी जो होता है
अच्छे के लिए होता है
सबसे रिश्ता तोड़ा
तो खुद से रिश्ता बनाया
सबसे रिश्ता तोड़ा
तो खुद से रिश्ता बनाया
खुद को जाना खुद को पहचाना
हसी तो अभी भी अनलिमिटेड ही है
पर आज उसके हकदार तुम तो नहीं
क्योंकि उस पर हक है सिर्फ मेरा
जो होता है अच्छे के लिए होता है
हसी तो अभी भी अनलिमिटेड ही है
पर आज उसके हकदार तुम तो नहीं
क्योंकि उस पर हक है सिर्फ मेरा
जो होता है अच्छे के लिए होता है
क्योंकि इसमे मरज़ी है भगवान की
क्योंकि हम फैसला करने वाले लोग तो नहीं
इसलिए इतना बेवक्त सोचना काम तो नहीं
क्योंकि हम फैसला करने वाले लोग तो नहीं
इसलिए इतना बेवक्त सोचना काम तो नहीं
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