इन्तजार से इन्तजार करते है तुम्हारी
हर इन्तजार में बाते होती है तुम्हारी
इन्तजार से प्यार तो नहीं हमें
पर तुम्हारे लिए इसे अपनाया है मैने
हवा की तरह यह इन्तज़ार है
जितनेबार भी आती है पास
उतने बार ही छू कर चली जाती है हमे्
कैसे तुम्हें पास बुलाऊँ
इसका तरीका मालूम नहीं
पर इसका भी इन्तजार करना है ज़रूर
कितना इन्तजार करवाओगे और मुझे तुम
और कितना तड़पाओगे यह जानना है मुझे अब
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