वह कहते हैं हम उनकी
फिक्र क्यों करते हैं
अब क्या करें जनाब
हमारे दिल का ध्यान तो हमें हैं
रखना पड़ता है
वह बोलते हैं कि तुम्हें गुस्सा नहीं आता?
और हम हंस कर बोल देते हैं
हम भी अगर गुस्सा करने लगे,
तो यह मौसम हमसे रुसवा हो जाएगा।
अब आपकी सजा पूरी कायनात को दे
इतने खुदगर्ज तो हम नहीं है
प्यार है कोई सौदा तो नहीं,
बाजार में बिकने वाले रसीले आम तो नहीं।
यह सुनकर वह अपनी गलती मान लेते हैं
अल्सर क्या हम ज़ोर से हंस पड़ते हैं
अर्जुन बड़े प्यार से मुस्कुरा देते हैं
और फिर हम दोनों अपने अलग रास्तों पर चल पड़ते हैं।
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फिक्र क्यों करते हैं
अब क्या करें जनाब
हमारे दिल का ध्यान तो हमें हैं
रखना पड़ता है
वह बोलते हैं कि तुम्हें गुस्सा नहीं आता?
और हम हंस कर बोल देते हैं
हम भी अगर गुस्सा करने लगे,
तो यह मौसम हमसे रुसवा हो जाएगा।
अब आपकी सजा पूरी कायनात को दे
इतने खुदगर्ज तो हम नहीं है
प्यार है कोई सौदा तो नहीं,
बाजार में बिकने वाले रसीले आम तो नहीं।
यह सुनकर वह अपनी गलती मान लेते हैं
अल्सर क्या हम ज़ोर से हंस पड़ते हैं
अर्जुन बड़े प्यार से मुस्कुरा देते हैं
और फिर हम दोनों अपने अलग रास्तों पर चल पड़ते हैं।
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