Saturday

जसबात है अपनी

जसबात है अपनी

खेल खेल में कह गई कई बातें
सोचा न था क्या होगा अंजाम
अचानक यह क्या हो गया
की तेरी आवाज़ सुने बिना नींद नही आती है

यह क्यों है किस लिए है नहीं पता
पर तेरे लिए है इतना पता
क्या यह तेरी फिक्र करना
तेरी गमों पर खुद को पढ़ना

क्या यह सब एहसास है प्यार की??
अगर ऐैसा है मुझे सहने की शक्ती देना
क्योंकि यह सपना कभी पूरा न होगा
यह सपना कभी सच न होगा

ऐैसा नहीं की हम तुमसे दूर अच्छे रहेंगे
पर तुम्हे खुश देखकर हम जिन्दा रहेंगे
हमे खुशी तो तुम्हें देखकर ही मिल जाती है
फिर क्यों तुम हमारे लिए तुम अपने दिल को पिघलोओगे
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