Saturday

समय है किसका

समय है किसका

समय ये मेरा कहाँ
समय ये तेरा कहाँ
हम तो है सिर्फ़ कटपूतलियाँ
जिसकी डोर है किसी और के ही यहाँ

कभी तुमसे भागे तो
कभी अपनों से भाग लिया
भाग कर जाते भी कहाँ
कयोंकि गोल ही है दुनिया अपनी

कभी किसी का दिल रखा
तो कभी किसी और का
इस भागा दौड़ी में भूल ही गअ
अपना ही दिल कहाँ रखा

दिल रखने की कोशिश में
सबको इतना दूख दिया
रिशता टूटा गैरों से था
अपनो ने भी पलट के ना देखा

आज खड़े हैं अकेले
तेरे सीथ की तालाश में
पता नहीं ये ख़ामोश समय
कभी हमारी बात सुनेगा भी या नहीं
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