Saturday

अलविदा ना कहना

अलविदा ना कहना

कहते थे वे लोग
की याद रखना हमे
भूल से भी भूल न जाना
वो ही आज अनजान है हमसे

यह समय का कैसा खेल है
की लोग सोशल मिडीया में तो हैं
पर दिल के किसी कोने में नहीं
कोई खास नहीं इसलिए दिल के पास नहीं

कहते थे कभी अलविदा न कहेंगे
पर छोड़ कर वही लोग जा चुके हैं
माना की सब व्यस्त है अपनो ही कामों में
पर इतने भी नहीं की भूल जाए हमे

हमे तो कुछ उम्मीद ही नहीं
क्योंकि हम उड़ने के लिए तैयार है
बाहे खोलने ही वाले है हम
कयोंकि अलविदा कहने का वक्त हो चला है अब
Skip .                                                 Next

0 comments: