Sunday

मुस्कान की वजह

मुस्कान की वजह

मीठी सी हसी तेरे चेहरे पर छायी
वजह क्या यह जानू ना
है अगर कोई खास वजह
तो उस बजह को महफूज रखना ज़रा
क्योंकि यह मुस्कान दिखती है मेरे चेहरे पर
मेरे चेहरे का रौनक बढ़ता
तुझे इस तरह खुशनुमा पाकर

बादल जब सूरज को ढ़कता
वो सुकून दिखता है तेरे चहरे पर
तू माने या न माने
तेरी हसी की दीवानी बन चुकी हूँ मै
तेरे बातों का जादू छाया है मेरे दिल पर
दोस्ती है इस कदर की तू बात किसी और से करे
और वो भरोसा बनके मेरे आँखों में झलके
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