Monday

दुनिया

दुनिया

धूप तो हैं पर छाँव का कुछ पता नहीं
लोग तो हैं पर हमसफ़र का कुछ पता नहीं
रेलगाड़ी तो है पर मंजिल का कूछ पता नहीं
गाना तो हैं पर शब्दों का कुछ पता नहीं
आकश तो हैं पर बादलों का कुछ पता नहीं
अपने तो हैं पर अपनेपन का कुछ पता नहीं
मैदान तो है पर बच्चों का कुछ पता नहीं
घास तो है पर चरवाहों का कुछ पता नहीं
पता नही है इन सब का
क्योंकि यह अंजान है अपनी दुनिया से
Skip .                                                 Next

Related Posts:

  • ना जाने क्यों ना जाने क्यों डर लगता है ना जाने क्यों अँधेरा सा लगता है ना जाने… Read More
  • लाईफ लाईफ ने अब हाथ बढ़ाया है थक करके मैने भी हाथ पकड़ ही लिया है मुट… Read More
  • तेरे आने की खबर रातों ने सुबह का इन्तजा़र किया बारिश ने मेघों को न्योता दिया धूप… Read More
  • सपना देखा एक सपना हमने शायद कुछ बड़ा नहीं पर उतना छोटा भी नहीं की आसा… Read More

0 comments: