बेवक्त July 07, 2018 Leave a Reply बेवक्त तो मौसम नहीं होता बेवक्त तो बारिश हो़ता है बेवक्त तो प्यार नहीं होता बेवक्त तो एहसास होते हैं पेवकेत तो बादल नहीं गरजते बेवक्त तो सूरज भी नहीं डलता अगर बेवक्त यह सब नहीं होता तो यह बेवक्त यह एहसास क्यों जगते हैं और यह दिल भी क्यों टूटता है Skip . Next Tweet Share Share Share Share
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