Sunday

लालची जहाँ

लालची जहां

क्या हो गया है इस जहाँ को
जहाँ अपने अपनों से जलते हैं
एक देश दूसरे देश के तरक्की से जलता है
अशांत है अपने ही भाई बंधुओं से
क्या खून का रिश्ता ही सिर्फ रिश्ता है??
अगर ऐैसा है तो मौत सिर्फ एक को ही क्यों
सबको आनी चाहिए
कब तक निरदोष भूगतेगा?
और कसूरवार इन्हे देख मज़े लूटेगा??

Related Posts:

  • नौकरी आज बैठे बैठे छत से तुझे खोज रही थी मै या यूँ कहूँ तुझे तलाश रही … Read More
  • जिया है फिरसे सूरज ढल चूका था अंधेरा बस गिरने ही वाला था मै चल रहा था सायद अपन… Read More
  • सिलसिला सिलसिला ये मेरे दिल का आज फिर से सामना हुआ है मेरा तू कौन है इस … Read More
  • पैसा  तूभी है बड़ा नाज़ुक सा बन्दा हाथ ना इतने आसानी से आ… Read More

0 comments: