Sunday

प्यार

प्यार

जिस प्यार पर नाज़ था हमको
वह प्यार ही आज रूठा है हमसे
कैसे मनाए क्या करें
दिल नहीं जानता
पर उसके बगैर दिल भी तो नहीं लगता

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