Sunday

ना जाने क्यों

न जाने क्यों

ना जाने क्यों डर लगता है
ना जाने क्यों अँधेरा सा लगता है
ना जाने क्यों सब धुँधला सा लगता है
ना जाने क्यों बेहाल सा लगता है
ना जाने क्यों समय इतना तेज़ दौड़ता है
ना जाने क्यों एहसास यूँही जगता है
ना जाने क्यों प्यार बेपनाह होता है
ना जाने क्यों लोग धोखा देते हैं
ना जाने क्यों लोग बदल जाते हैं
ना जाने क्यों यह सब होता है

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