Sunday

सुबह

सुबह

नींद से जागा तो पाया
रात ढल चुकी थी
पर जो रात से मैं गुजर रही थी
पता नहीं कब वो रात का अंधेरा
खत्म होगा
कब वह सुबह आएगी
जहां खुलकर धूप को गले से लगा पाऊंगी
कब का पता नहीं पर
वह सुबह को तो आना पड़ेगा
आकर मेरा हाथ थामना पड़ेगा

0 comments: