Sunday

लाईफ

लाइफ

लाईफ ने अब हाथ बढ़ाया है
थक करके मैने भी हाथ पकड़ ही लिया है
मुट्ठी खुली ही थी की तुने आके
अपने हाथों से उसे बन्द कर दिया है
अब आ ही गये हो तो जाना नहीं
क्योंकि अब हाथों में इतना दम तो नहीं
सहना हमको भी आता है
पर उसे अब तेरे साथ हराने में मज़ा आता है
जितने की आदत तो नहीं पर
अब हारने की शक्ति भी नहीं

प्यार का इम्तेहान अब बहुत हुआ
अब उस रास्ते चलने का वक्त है
यह कोई एक्साम तो नहीं
पर फिर भी फेल होना मंजूर नहीं है
करले ऐसा प्यार की भगवान भी रो पड़े
हम दोनो के लिए हम ही क्यों
पूरी दुनिया ही हस पड़े
बहुत लोग आए इसे परखने के लिए
पर आज सब जा चूके हैं
क्योंकि इस रिश्ते को कोई खास ऊपर बैठा हिफाजत कर रहा है।

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