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प्यार या फरेब

प्यार या फरेब

टूटे हुए दिल ने तो धड़कना छोड़ दिया था
रोते हुए आंखों ने अब रोना छोड़ दिया था
टूटी हुई उम्मीदों में तो सपने संजोना छोड़ दिया था
ख्वाबों में भी अब तेरा इंतजार करना छोड़ दिया था

पर ना जाने कैसे मेरे दरवाजे पर दस्तक देने तू आ गया
पता नहीं कैसे तूने फिर से हमें जीना सिखा दिया
न जाने ही सही हमें तो प्यार में पड़ ही गए
ना चाहते हुए भी होठों पर मुस्कुराहट आ ही गई

सेल सेंटर खुश होकर धड़कना शुरू कर दिया
फिर से दिल की खुशी चेहरे पर झलक ऊठी
और तूने हमारी चोरी पकड़ ही ली
न जाने कैसे पर तुझे पता चल ही गया
कि हमें बस प्यार है तुमसे और रहेगा सिर्फ तुमसे

दर्द सिर्फ इतना ही है कि दिल कहीं फिर न टूटे
यह आशु कहे सर जख्म ना दे दे हमें
हमारे यह बातें कहीं से छूटे ना बन जाए
हम कहे फिर से चोट खाकर ना गिर जाएं

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