धूप है तो छाव है
तेरी गलियों में हमारा आना जाना है
तू कह दे बेशक या ना कहे
प्यार तो बेमिसाल है
लोगों की माने या खुद कि सूने
तू कर वही जो तुझे ठीक लगे
प्यार मिले या ना मिले
दोस्ती निभाना वह सुकून है
तोहफा देने या लेने का सिलसिला
अंदाज़ तेरा है नया बड़ा
कभी मूंगफली देना कभी मुंह फुलाना
कभी तोहफा देना तो कभी खुद मांग बैठना
यह प्यार तो नहीं पर दोस्ती भी कहा
तो फिर क्या है यह हमें जरा समझाना
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