ठूकराई हुई हूँ दोस्तों से
समाज से और न जाने कितनो से
भले ही कोई अपना नहीं है हमारे पास
समाज से और न जाने कितनो से
भले ही कोई अपना नहीं है हमारे पास
पर आज ज़िद अपनी है की, ओरों के लिए नहीं
सिर्फ अपने लिए कुछ करना है
उन सब के मुँह पर तमाचा
जर ना है जिन्होने मुझे ठुकराया है
सिर्फ अपने लिए कुछ करना है
उन सब के मुँह पर तमाचा
जर ना है जिन्होने मुझे ठुकराया है
नहीं का मतलब होता है दूसरा मौका
आज मौके का भरपूप उपयोग करना है
वक्त से कुछ वक्त चूरा कर
कुछ और काम करना है
आज मौके का भरपूप उपयोग करना है
वक्त से कुछ वक्त चूरा कर
कुछ और काम करना है
हर पल यह लगता है चौबीस घंटे
इतना कम क्यों है
काश यह थोड़ा ज्यादा होता
तो हमे थोड़ा और समय मिल पाता
इतना कम क्यों है
काश यह थोड़ा ज्यादा होता
तो हमे थोड़ा और समय मिल पाता
पर इसे देखकर यह तो पता चलता है
की वक्त किसी का नहीं है
कल तुम लोगों का था तो
तुम जीत गए
कल जब मेरा होगा तो
देखना यह होगा की
खबर कितनी बनती है
की वक्त किसी का नहीं है
कल तुम लोगों का था तो
तुम जीत गए
कल जब मेरा होगा तो
देखना यह होगा की
खबर कितनी बनती है
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