ख्वाबों को जहां कोई अहमियत नहीं
वहां छोटा सा ख्वाब मैंने देखा है
जहां सपने देखने का कोई हक नहीं
वहां एक सपना मैंने देखा है
सपने देखने का हक तो कोई नहीं छीन सकता
उस पर तो सिर्फ और सिर्फ मेरा हक है
सपने मेरे इतने किमती तो नहीं
कि ताला मार के रखूं इन्हें
अगर कीमती ही है तो इन्हे
सच करने का हक क्यों नहीं है मेरे पास
वजह तो बिल्कुल साफ सुथरी है
सपना देखने का हक दिया है
तो थोड़ा विश्वास तो रखना पड़ेगा
शायद हम सब कुछ नहीं हासिल कर सकते
पर हां उस रास्ते चलने में मज़ा जरूर आएगा
Marvelous
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