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बहारों के रंग

बहारों के रंग

जिंदगी में आज रंग भी है
बाहर भी है पर ना जाने क्यों
तेरे बगैर यह यह सारे रंग

फीके से लगते हैं मुझको
तुम कब आएगा यह तो पता नहीं
पर तेरे इंतजार के यह लम्हे
बड़े ही मुश्किल है हमारे लिए

इंतजार अगर परीक्षा है
तो यह परीक्षा ही सही
जीतना तो है ही हमको
पर खुद पर विश्वास थोड़ा कम है मुझको

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